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अक्तूबर, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अभी और घुटेगा दिल्लीवालों का दम, NASA ने शेयर की राजधानी की डरावनी तस्वीर Read more at: https://hindi.oneindia.com/news/delhi/delhi-pollution-worst-level-nasa-photos-show-horrific-visual-479001.html

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। प्रदूषण की वजह से सांस लेना खतरे से खाली नहीं है। सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों और बुजुर्गों को है। ये खतरा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। आने वाले दिन में स्थिति और गंभीर हो सकती है। हालात ऐसे हो रहे हैं कि दीवाली से पहले दिल्ली चोक हो सकती है। मतलब ये कि दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो जाएगा।   ऐसे में अतंरिक्ष एजेंसी NASA ने सैटेलाइट इमेज शेयर की है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सैटेलाइट इमेज साझा की है, जो प्रदूषण के भयानक स्तर को दिखा रही हैा। नासा द्वारा साझा की गई तस्वीर पर नजर डालें तो स्थिति लाल-लाल डॉट से भरी तस्वीर खतरे की ओर इशारा करती है। नासा ने 28 अक्टूबर को ये तस्वीर साझा की। तस्वीर नें पूरे पंजाब के खेतों में आग लगी हुई थी। पंजाब-हरियाणा के किसान यहां बड़े पैमाने पर पराली जला रहे थे। नासा ने यह तस्वीर खींची है। तस्वीर देखने से पता चलता है कि भले ही हरियाणा में पराली जलाना कम हुआ है, लेकिन पूरे पंजाब में पराली जनाने का काम जारी है, जिसकी वजह से पूरे पंजाब में लाल निशान बने हुए हैं। नासा की तस्वीरों से साफ है क

एकल माटी कुंजर चीटी ,भाजन है बहु नाना रे , असथावर जंगम कीट पतंगम ,घट घट रामु समाना रे।

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Virendra Sharma  shared a  post .   4 hrs  ·  kaabirakhadabazarmein.blogspot.com vaahgurujio.blogspot.com Shambhu Dayal Vajpayee 19 hrs हैं। इसी लिए सुबह उठने के बाद धरती माता की वंदना कर पग रखने की परंपरा है।जो गुजरात में द्वारिकानाथ हैं वही दक्षिण भारत में श्रीवेंकटेश बालाजी महाराज हैं। दोनों चतुर्भज। बाला जी महाराज का नाम है त्रिपतिबाला जी । मूल संस्‍कृत शब्‍द त्रिपति का अपभ्रंश तिरुपति हो गया और लोग तिरुपति बालाजी कहने लगे।'' ...... .......................... '' काशी - अयोध्‍या की तरफ अभिवादन में राम -राम कहने की परंपरा है। दो बार ही बोलते हैं, एक या तीन बार नहीं। ऐसा क्‍यों ? इसके पीछे भावना है कि मुझ को जो दिखता है , मेरे सामने वाला , वह मेरा राम है और मेरे अंदर भी तेरा राम है। मैं राम जी के प्रकाश से जगत को देख पाता हूं। राम जी मुझे प्रकाश देते हैं। जो दीख पडता है वह राम है तथा जो देखता है , तत्‍व -दृष्टि से , वह भी राम जी का ही स्‍वरूप है। सब राम मय।'' डोंगरे जी महाराज की तत्‍वार्थ - रामायण म

प्रजानीति किससे सीखेंगे राहुल ? अपनी इटली वाली माता जी से जिन्हें आज तक इस देश की भाषा भी नहीं आती है ?

बड़े दोगले लोग हैं ये नेहरुपंथी कांग्रेस के अवशेषी। किसी  आतंकवादी के लिए उसे फांसी से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट आधी रात के बाद भी लगवा सकते हैं लेकिन सीबीआई दफ्तर की फ़ाइल इसी वक्त  सील करने पर सड़कों पर निकल आते हैं।  २०१७ में छुट्टी पर भेजे गए निवर्तमान सीबीआई निदेशक बकौल इन वर्णसंकरों के ना -काबिल थे ,अनुभवहीन थे आज ये उनके बगलगीर बने सड़कों पर उतर रहें हैं। प्रौढ़ावस्था तक आ गए अवशेषी शहजादे तब जाकर पहली मर्तबा पुलिस वैन में प्रवेश किया गिरफ्तारी दी बैरिकेड पर चढ़े। केजरीवाल की तरह बिजली के खम्भे पे भी चढ़ जाएँ तो क्या ? प्रजानीति किससे  सीखेंगे राहुल ? अपनी इटली वाली माता जी से जिन्हें आज तक इस देश की भाषा भी नहीं आती है ?

World Polio Day 2018: WHO's long fight to eradicate polio from the planet

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Representational Image October 24 is celebrated as World Polio Day every year in the honour of Jonas Salk who led the first team to develop a vaccine for Polio. The day aims to raise awareness about the infectious disease. Every year, October 24, is celebrated as World Polio Day to raise the awareness about the infectious disease Poliomyelitis, commonly known as Polio. The day was established by Rotary International over a decade ago to commemorate the birth of Jonas Salk, who led the first team to develop a vaccine against the disease. As per the information available on the website of World Health Organisation (WHO), the use of this inactivated poliovirus vaccine and subsequent widespread use of the oral polio vaccine , developed by Albert Sabin, led to the establishment of the Global Polio Eradication Initiative (GPEI) in 1988. Since 1988, GPEI had reduced polio worldwide by 99 per cent. Poliomyelitis or Polio WHO describ

राम मंदिर बाद में #Metoo पहले

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राम मंदिर बाद में #Metoo पहले फोटो : सोशल मीडिया अमृतसर रेल हादसे में पहली बार ट्रेन के चालक का बयान सामने आया है। चालक का कहना है कि उसने भीड़ देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाए थे, लेकिन भीड़ ने ट्रेन पर पथराव कर दिया तो यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर उनसे ट्रेन आगे बढ़ा दी। शुक्रवार को अमृतसर के जौड़ा फाटक पर हुए रेल हादसे की जांच जारी है। इस बीच ट्रेन के चालक अरविंद कुमार का लिखित बयान सामने आया है। अरविंद कुमार ने कहा है कि, “घटना के दिन उसने भीड़ देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाए थे। लेकिन, भीड़ ने जब पथराव शुरू कर दिया तो यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन आगे बढ़ानी पड़ी।“ यह हादसा दशहरे के दिन हुआ था, जब रेल पटरी से सटे मैदान में रावण दहन हो रहा था। दहन होने के बाद भीड़ ने पीछे हटना शुरु कर दिया और पटरी पर जमा हो गई। इसी बीच वहां से ट्रेन गुजरी जिसकी चपेट में आकर 59 लोगों की मौत हुई और 60 से ज्यादा जख्मी हो गए। अब ट्रेन के चालक अरविंद कुमार ने अपना लिखित बयान जारी किया है। अरविंद कुमार ने लिखा है कि, “शुक्रवार शाम को जालंधर सिटी स